नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली है, उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देश के राष्ट्राध्यक्षों के साथ-साथ किर्गिजस्तान और मॉरिशस के राष्ट्राध्यक्ष भी शरीक हुए।
बिम्सटेक (BIMSTEC), जिसका पूरा रूप बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) है, बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है। इसमें सात सदस्य देश हैं - भारत, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड, पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है।
इसका मुख्यालय बांग्लादेश के ढाका में स्थित है। इस संगठन का उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने और साझा हितों के मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने के लिए सदस्य देशों के बीच सकारात्मक वातावरण बनाना है।
बैंकॉक डिक्लेरेशन के तहत 6 जून, 1997 में इस क्षेत्रीय संगठन को स्थापित किया गया था। शुरुआत में इसमें चार सदस्य देश थे और इसे बीआईएसट-ईसी - यानी बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग संगठन कहा गया था। म्यांमार को शामिल करने के बाद इसका नाम बीआईएमएसटी-ईसी हो गया। बाद में जब 2004 में भूटान और नेपाल को इसमें शामिल किया गया तो इसका नाम बिम्सटेक हो गया। भारत के लिए ये संगठन इसलिए अहम है क्योंकि सभी सदस्य देश भारत के क़रीबी पड़ोसी भी हैं। ये भारत की पूर्व में अपना प्रभाव बढ़ाने की नीति में भी सहायक है क्योंकि ये भारत को दक्षिण एशियाई देशों से भी जोड़ता है।
BIMSTEC (बिम्सटेक) कुल 14 क्षेत्रों व्यापार-निवेश, ऊर्जा, परिवहन-संचार, तकनीक, पर्यटन, कृषि, स्वास्थ्य, मछली पालन, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, जन संवाद, संस्कृति और गरीबी निवारण के क्षेत्रों में कार्य करता है।
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