प्रत्येक वर्ष 8 अक्टूबर को इंडियन एयरफोर्स अपना स्थापना दिवस मनाती है। वायुसेना की दुनिया में पराक्रम, जांबाज सैनिक और अपनी युद्ध कला के लिए इंडियन एयरफोर्स एक अलग ही मुकाम रखती है। भारतीय वायुसेना के पास भी कई ऐसे लड़ाकू विमान हैं, जो युद्ध के समय कभी भी पासा पलट सकते हैं। इस स्टोरी हम आपको इंडियन एयरफोर्स के उन्हीं लड़ाकू विमानों के बारे में बताने जा रहे हैं।
भारतीय वायुसेना ने मंगलवार(26 फरवरी) तड़के पाकिस्तान सीमा में घुसकर बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैम्प तबाह कर दिए। भारतीय वायुसेना ने एक साथ 12 मिराज-2000 इंडियन फाइटर जेट के जरिये एलओसी पार आतंकियों के ठिकानों पर निशाना बनाया। फ्रांस की दसॉ (डसाल्ट एविएशन) कंपनी ने भारतीय वायुसेना को सिंगल सीटर Mirage-2000 विमानों की सप्लाई की है। दसॉ ने साल 2015 में नए रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम वाले अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे. रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की वजह से इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इजाफा हो गया है.मिराज 2000 विमान एक साथ कई काम कर सकते हैं. मिराज 2000 ज्यादा से ज्यादा बम या मिसाइल को दुश्मनों के ठिकाने पर ले जाकर गिराने में सक्षम है. यह दो 30 एमएम इंटीग्रल कैनन और दो मैट्रा सुपर 530 डी मीडियम रेंज और दो R-550 मैजिक II क्लोज कॉम्बैट मिसाइल्स और कई बमों को एक साथ ढो सकता है। यह हवा में दुश्मन का मुकाबला भी कर सकता है। मिराज 2000 की अधिकतम रफ्तार 2495 km/hr (Mach 2.3) है. मिराज-2000 ने कारगिल विजय में अहम भूमिका निभाई थी। डसॉल्ट वही कंपनी है जो राफेल लड़ाकू विमान बनाती है।
इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान सुखाई की स्पीड 2500 किलोमीटर प्रति घंटे है। रूस निर्मित यह विमान इंडियन एयरफोर्स की एक बड़ी ताकत है। इसकी तुलना राफेल, यूरोफाइटर, अमेरिकी लड़ाकू विमान फाल्कन से की जाती है। यह लड़ाकू विमान हवा में भी ईंधन भरने में सक्षम है। यह लड़ाकू विमान 3000 किमी की दूरी तक जाकर हमला करने की क्षमता रखता है। इस फाइटर जेट से बम तथा मिसाइल ले जाने के लिए 12 स्थान हैं।
भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-29 रडार कंट्रोल्ड मीडियम रेंज की मिसाइलों से अपने लक्ष्य पर निशाना साधने में सक्षम है। इस लड़ाकू विमान की स्पीड 2445 किमी प्रति घंटे है। यह विमान रूस निर्मित है। यह भारतीय वायुसेना को 1985 में मिला था। इसकी रेंज 1,430 km (888 mi; 772 nmi) है।
भारतीय वायुसेना में शामिल तेजस एक स्वदेशी लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स ने बनाया है, इस लड़ाकू विमान को साल 2015 में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया। यह लड़ाकू विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई से हमला करने में सक्षम है। इससे डर्बी और अस्त्र मिसाइल दागी जा सकती हैं। यह अपने लक्ष्य पर निशाना साधते समय 200 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है। इस लड़ाकू विमान की रेंज 3,000 किलोमीटर है। इस लड़ाकू विमान को ‘तेजस’ नाम हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था। भारत में बने एलसीए तेजस (Tejas Fighter Jet) को 20 फरवरी, 2019 को फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस मिल गई।
यह विमान इंडियन एयरफोर्स का सबसे विशालकाय विमान है। इस विमान से भारी सैन्य साजो-सामान ढोने का काम किया जाता है। यह विमान 70 टन का वजन लेकर उड़ान भर सकता है। यमन में फंसे नागरिकों को इसी विमान से भारत लाया गया था।
भारतीय एयरफोर्स की ट्रांसपोर्टेशन क्षमता में सी-130 जे हरक्यूलिस विमान एक अहम भूमिका निभाता है। चीन से सटे ओल्डी सेक्टर में दौलत बेग हवाई पट्टी पर इसे लैंड कर भारतीय वायुसेना विश्व कीर्तिमान बना चुकी है। ग्लोबमास्टर के बाद भारतीय वायुसेना का यह दूसरा सबसे बड़ा परिवहन विमान है।
© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.