भारत ने स्वदेश-निर्मित एडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का ओडिशा में 28 December 2017 को सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल बेहद कम ऊंचाई से आने वाली किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को बीच में ही मार गिराने में सक्षम है।
इस वर्ष किया गया यह तीसरा सुपरसोनिक इंटरसेप्टर परीक्षण है, जिसमें सामने से आ रही बैलिस्टिक मिसाइल को धरती के वातावरण के 30 किलोमीटर की ऊंचाई के दायरे में सफलतापूर्वक निशाना बनाकर उसे नष्ट किया गया है।
इससे पहले 11 फरवरी और 1 मार्च 2017 को दो परीक्षण किये जा चुके हैं। ये बहुस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं। सूत्रों ने कहा, ''परीक्षण उड़ान के दौरान इंटरसेप्टर के विभिन्न मानकों के सत्यापन के लिए किया गया और सभी सफल रहे।"
चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर तीन से टारगेट मिसाइल-पृथ्वी मिसाइल दागी गई। सूत्रों ने बताया कि 7.5 मीटर लंबी एकल चरण ठोस रॉकेट प्रणोदन निर्देशित यह मिसाइल हाई-टेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मेकैनिकल एक्टीवेटर वाली दिशा निर्देशन प्रणाली से लैस है। इस मिसाइल का अपना खुद का मोबाइल लांचर है और यह दुश्मन मिसाइल को निशाना बनाने के लिए सुरक्षित डेटा लिंक, आधुनिक राडार और अन्य तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी विशिष्टताओं से युक्त है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, डिफेंस सोर्स ने कहा कि चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के लॉन्च कॉम्पलेक्स- 3 से टारगेट के तौर पर पृथ्वी मिसाइल को दागा गया। ट्रैकिंग रडार्स पर सिग्नल मिलने के बाद बंगाल की खाड़ी में अब्दुल कलाम आईलैंड पर तैनात इंटरसेप्टर एएडी मिसाइल आगे बढ़ी और दुश्मन की मिसाइल को मार गिराने में कामयाब रही।
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