हाल ही में खगोलविदों को आकस्मिक रूप से प्रारंभिक समय के ब्रह्मांड की एक विशालकाय आकाशगंगा के चिह्नों का पता चला है, इसे कॉस्मिक येती (Cosmic Yeti) की संज्ञा दी गई है।
इस प्रकार के चिह्न पहले कभी नहीं देखे गए।
कॉस्मिक येती के अस्तित्व के साक्ष्यों की कमी के कारण खगोलविद इन्हें लोक कथाओं से संबंधित मानते थे।
संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के खगोलविदों ने पहली बार ऐसी आकाशगंगा की तस्वीर खींचने में सफलता प्राप्त की है।
हाल ही के अध्ययन में पाया गया कि ब्रह्मांड में सबसे बड़ी आकाशगंगाओं में से कुछ बहुत तेज़ी से परिपक्व हुईं हैं जिन्हें अभी तक सैद्धांतिक रूप से नही समझा गया है।
यह नई खोज ब्रह्मांड की उत्पत्ति से संबंधित कारकों का पता लगाने में मददगार साबित होगी।
खगोलविदों का मानना है कि इस आकाशगंगा से प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 12.5 बिलियन वर्ष लगे हैं।
यह खोज अटाकामा लार्ज मिलीमीटर ऐरे (Atacama Large Millimeter Array- ALMA) द्वारा की गई है। ALMA को कनाडा, ताइवान और दक्षिणी कोरिया के साथ यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला (European Southern Observatory- ESO), संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (National Science Foundation- NSF) तथा जापान के राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संस्थान (National Institutes of Natural Sciences- NINS) के सहयोग से चिली में स्थापित किया गया है। ALMA एक एकल दूरबीन है जो 66 सुस्पष्ट एंटीना के साथ उत्तरी चिली के चज़नंतोर पठार (Chajnantor plateau) पर अवस्थित है।
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