टोक्यो पैरालिंपिक का समापन हो गया। क्लोजिंग सेरेमनी में अवनि लेखरा भारतीय दल की ध्वजवाहक बनीं। 19 साल की इस शूटर ने टोक्यो में एक गोल्ड सहित दो मेडल जीते। अवनि ने SH1कैटेगरी के 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल और 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन में ब्रॉन्ज मेडल जीता। भारत ने इस बार 5 गोल्ड सहित 19 मेडल( 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज) जीते। यह पैरालिंपिक में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। अगला पैरालिंपिक 2024 में पेरिस में होगा। 24 अगस्त को उद्घाटन समारोह में 5 एथलीटों ने हिस्सा लिया था। शॉटपुटर टेकचंद ध्वजवाहक थे। उन्होंने हाईजंपर मरियप्पन थांगवेलु की जगह ली थी। मरियप्पन हवाई यात्रा के दौरान कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे। जिसके बाद वह क्वारैंटाइन में चले गए थे और उनकी जगह पर टेकचंद को ध्वजवाहक बनाया गया था।
पैरालिंपिक खेल 57 वर्षों के बाद टोक्यो में फिर से आयोजित किये गये, जिससे जापान की राजधानी दो बार इन खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया है।
टोक्यो पैरा ओलंपिक का शुभंकर - सोमाइटी (Someity)
टोक्यो ओलंपिक एवं पैरा ओलंपिक का ध्येय वाक्य - United by emotion.
इस बार 5 देशों ने पैरालम्पिक में पहली बार भाग लिया है। (भूटान, मालदीव, ग्रेनाडा, पराग्वे, सेंट विंसेंट और ग्रेनाडिनेस)
टोक्यो पैरालंपिक में भारत के 54 खिलाड़ीयों ने भाग लिया।
भारत ने टोक्यो पैरालिंपिक में 19 मेडल जीते। भारत मेडल टेबल में 24वें स्थान पर रहा। यह पैरालिंपिक में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। चीन 96 गोल्ड सहित 207 मेडल के साथ पहले स्थान पर रहा। ब्रिटेन 41 गोल्ड के साथ 124 मेडल जीतकर दूसरे स्थान पर रहा। अमेरिका को तीसरा स्थान मिला। उसके एथलीट्स ने 37 गोल्ड सहित 104 मेडल जीते। अगला पैरालिंपिक 2024 में पेरिस में होगा।
बैडमिंटन में 7 खिलाड़ी गए, 4 ने जीता मेडल
बैडमिंटन को पहली बार ओलिंपिक में शामिल किया गया था। भारत से 7 खिलाड़ियों ने विभिन्न कैटेगरी में भाग लिया। इनमें से चार खिलाड़ी मेडल जीते। प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने गोल्ड जीता, जबकि सुहास यथिराज ने सिल्वर और मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
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