17 मई, 2021 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने पश्चिम बंगाल के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी (Subrata Mukherjee), फिरहाद हकीम (Firhad Hakim), टीएमसी विधायक मदन मित्रा (Madan Mitra) और सोवन चट्टोपाध्याय (Sovan Chattopadhyay) (कोलकाता के पूर्व मेयर) को गिरफ्तार किया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च 2017 में नारद रिश्वत मामले में स्टिंग ऑपरेशन के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
नारद स्टिंग ऑपरेशन (Narada Sting Operation) का संचालन पश्चिम बंगाल में नारद न्यूज (Narada News) के संस्थापक मैथ्यू सैमुअल (Mathew Samuel) ने किया था।
इस ऑपरेशन को नारद न्यूज नामक एक निजी समाचार वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था।
गौरतलब है कि सैमुअल तहलका (Tehelka) के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं।
इस ऑपरेशन के तहत सैमुअल ने इम्पेक्स कंसल्टेंसी सॉल्यूशंस (Impex Consultancy Solutions) नाम की एक फर्जी कंपनी बनाई।
इसके बाद उन्होंने सांसदों और टीएमसी मंत्रियों से संपर्क किया और पैसे के बदले में उनसे मदद मांगी।
मंत्रियों ने रिश्वत ली। यह रिकॉर्ड किया गया था और समाचार साइट में 52 घंटे के फुटेज के रूप में जारी किया गया था।
इस वीडियो फुटेज में विधायक और मंत्री अपरूपा पोद्दार (Aparupa Poddar), सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari), प्रसूम बनर्जी (Prasum Bannerjee), काकोली घोष दस्तीदार (Kakoli Ghosh Dastidar), सौगत रॉय (Sougata Roy), मुकुल रॉय (Mukul Roy) थे।
राज्य सरकार की सहमति के बाद ही सीबीआई राज्य में किसी अपराध की जांच कर सकती है।
नवंबर 2020 में, पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्य सरकारों ने सीबीआई की सामान्य सहमति को रद्द कर दिया।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर फैसला सुनाया कि सीबीआई जांच के लिए आम सहमति जरूरी है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट सीबीआई को देश में कहीं भी जांच करने का आदेश दे सकते हैं।
वेब साइट में नये बदलाव व नयी जानकारी की सुचना पाने के लिए अपना ईमेल और मोबाईल नं. यहां दर्ज करें
© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.