फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स(वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल) धन शोधन पर एक अंतरसरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1989 में की गयी थी। इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष मार्शल बिलिंगसी हैं। इसकी स्थापना का शुरूआती उद्देश्य धन शोधन का सामना करने के लिए नीति निर्माण करना था। वर्ष 2001 में इसके कार्यक्षेत्र में आतंकवादी फंडिंग को भी शामिल किया गया। वर्तमान में इसमें 38 सदस्य देश शामिल हैं। अब सऊदी अरब के बाद इसके सदस्यों की संख्या 39 पहुँच गयी है। इसके बैठक का आयोजन वर्ष में तीन बार किया जाता है।
वित्तीय कार्रवाई कार्य-बल जी-7 की पहल पर स्थापित एक अंतः सरकारी संस्था है। इसका उद्देश्य ‘टेरर फंडिंग’, ‘ड्रग्स तस्करी’ और ‘हवाला कारोबार’ पर नज़र रखना है।
आतंकी फंडिंग रोकने में असफल रहने के कारण पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) ने ग्रे लिस्ट में ही रखने का निर्णय लिया है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में रखने के लिए दबाव डाला था। यह निर्णय हाल ही में फ्लोरिडा में FATF की बैठक में लिया गया।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) ने जून 2018 में पाकिस्तान को “ग्रे लिस्ट” में डाला था। “ग्रे लिस्ट” में होने के कारण पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक इत्यादि से मिलने वाली वित्तीय सहायता में कमी होगी।
सऊदी अरब FATF की पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने वाला पहला अरब देश बना है। FATF की वार्षिक बैठक का आयोजन अमेरिका के फ्लोरिडा के ऑर्लैंडो में किया गया। सऊदी अरब नवम्बर, 2004 से मध्य पूर्व व उत्तर अफ्रीका (MENA) का संस्थापक सदस्य है। मध्य पूर्व व उत्तर अफ्रीका (MENA) FATF समूह का हिस्सा है। 2015 के आरंभ में सऊदी अरब को FATF का पर्यवेक्षक बनने के लिए आमंत्रित किया गया था। FATF के दिशानिर्देशों का पालन करने के परिणामस्वरुप सऊदी अरब को FATF की पूर्ण सदस्यता दी गयी है।
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