प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आइआइटी-बीएचयू(बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय) में नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन के तहत बने सुपर कंप्यूटर 'परम शिवाय' का लोकार्पण किया। इसी के साथ देश का पहला सुपर कंप्यूटिंग केंद्र भी बन गया।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बीएचयू में नेशनल कंप्यूटिंग मिशन के तहत 32.5 करोड़ रुपये की लागत से बना 833 टेराफ्लॉप क्षमता का सुपर कंप्यूटर महीनों का अनुसंधान कार्य घंटों में पूरा कर देगा।
इस सुपर कंप्यूटर का निर्माण फ़्रांसिसी कंपनी Atos ने किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अंतर्गत सी-डैक तथा Atos ने सुपरकंप्यूटर के निर्माण के लिए तीन वर्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गये हैं। इस मिशन के तहत देश के विभिन्न अनुसन्धान व शैक्षणिक संस्थानों में 70 से अधिक सुपरकंप्यूटर का नेटवर्क तैयार किया जायेगा। इस मिशन के तहत सात वर्षों के लिए 4500 का बजट रखा गया है।
परम शिवाय' सुपर कंप्यूटिंग केंद्र में सीपीयू एवं जीपीयू को शामिल करते हुए 223 प्रोसेसर नोड्स, 384 जीबी प्रति नोड डीडीआर चार रैम, पैरलल फाइल सिस्टम का प्रयोग करते हुए एक पेटाबाइट सेकेंड्री स्टोरेज और उपयुक्त ओपेन सोर्स सिस्टम और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सूट का समावेश होगा।
इस सुपरकंप्यूटिंग का आइआइटी, बीएचयू के संकाय सदस्य, वैज्ञानिक एवं शोध छात्र फायदा उठा सकेंगे। साथ ही पूर्वी यूपी के आसपास के इंजीनियरिंग कॉलेजों के वैज्ञानिकों, शिक्षकों व शोध छात्रों सहित सरकारी शोध प्रयोगशालाओं में चल रही राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को 40 फीसद कंप्यूटर पॉवर दी जाएगी।
इन क्षेत्रों में होगा उपयोग : सुपर कंप्यूटर प्रोग्राम के तहत मानव संसाधन को प्रशिक्षण दिया जाएगा, साथ ही जलवायु मॉडलिंग, मौसम की भविष्यवाणी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग, भूकंपीय विश्लेषण, वित्त, आपदा सिमुलेशन और प्रबंधन, पृथ्वी से परे खोज, वृहद डाटा एनालिटिक्स, सूचना संग्रह आदि।
भारत का पहला सुपरकंप्यूटर परम 8000 था, उसे 1991 में लांच किया गया था। वर्तमान में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान में “प्रत्युष”, राष्ट्रीय मध्यम श्रेणी मौसम पूर्वानुमान केंद्र के पास “मिहिर” तथा IISc के पास SERC-Cray नामक सुपर कंप्यूटर हैं।
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