पुरुष कुश्ती के 65 किग्रा वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में भारत के पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang punia) पहले ही राउंड में कजाकिसतान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव (Daulet Niyazbekov) पर हावी हो गए थे। बजरंग ने पहले राउंड में दौलत नियाजबेकोव के खिलाफ 4-0 से बढ़त बना ली थी। इसके बाद उन्होंने 6-1 से बढ़त बनाई। आखिरकार बजरंग ने दौलत नियाजबेकोव 8-0 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है। इसी के साथ टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के खाते में छठा मेडल आया है।
भारत को बजरंग पूनिया से गोल्ड या सिल्वर जीतने की उम्मीद थी। लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में अजरबैजान के पहलवान हाजी एलियेव से बजरंग 12-5 के अंतर से हार गए थे।
पहलवान बजरंग पुनिया का जन्म सन 1994 में 26 फरवरी को हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के खुदन गांव में जाट परिवार में हुआ था।
कुश्ती में पदक का इतिहास
केडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था। 2020 में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता।
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