हरियाणा के नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलिंपिक में एथलेटिक्स में देश के लिए मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता। यह उनका पहला ही ओलिंपिक है। इससे पहले वे पूल A के क्वालिफिकेशन में 86.65 मीटर थ्रो कर पहले स्थान पर थे। उनका पर्सनल बेस्ट थ्रो (88.07 मीटर) है।
नीरज ने 2016 में जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था, इसके बावजूद वे रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके थे। नीरज ने यह रिकॉर्ड 23 जुलाई को बनाया था, जबकि रियो के लिए क्वालिफाई की आखिरी तारीख 23 जुलाई थी।
वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नीरज को जूनियर कमीशंड ऑफिसर की पोस्ट देते हुए नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2018 एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
ओलिंपिक गेम्स में 13 साल बाद भारत को किसी इवेंट में गोल्ड मेडल मिला है। इससे पहले 2008 में बीजिंग ओलिंपिक निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड जीता था। बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट का गोल्ड अपने नाम किया था।
यह ओलिंपिक गेम्स में भारत का अब तक का 10वां गोल्ड मेडल है। भारत ने इससे पहले हॉकी में 8 और शूटिंग में 1 गोल्ड मेडल जीता है। इस तरह भारत का यह सिर्फ दूसरा इंडिविजुअल गोल्ड मेडल भी है।
भारत का यह सबसे सफल ओलिंपिक बन गया है। लंदन ओलिंपिक में भारत ने 6 मेडल जीते थे। टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने 7 मेडल जीत लिए हैं। नीरज के गोल्ड के अलावा मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर, पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज और लवलिना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। इसके अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज और कुश्ती में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता। वहीं बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स यानी एथलेटिक्स किसी भी ओलिंपिक गेम्स का सबसे मुख्य आकर्षण होते हैं, लेकिन नीरज से पहले कोई भारतीय इन इवेंट्स में मेडल नहीं जीत पाया था। ब्रिटिश इंडिया की ओर से खेलते हुए नॉर्मन प्रिटचार्ड ने साल 1900 में हुए ओलिंपिक में एथलेटिक्स में दो मेडल जीते थे, लेकिन वे भारतीय नहीं अंग्रेज थे।
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