भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 10 जनवरी 2018 को घोषणा की कि वह आधार नम्बरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वर्चुअल आईडी (Virtual ID) तथा सीमित केवाईसी (Limited KYC) सुविधा शुरू करने जा रहा है। इस सम्बन्ध में द्वारा की गई घोषणा के अनुसार वर्चुअल आईडी पर आधारित व्यवस्था को कब से लागू किया जायेगा? – 1 जून 2018
विस्तार: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India – UIDAI) ने आधार प्रणाली (Aadhaar system) की सुरक्षा को उठे सवालों के बीच 10 जनवरी 2018 को घोषणा की कि वर्चुअल आईडी (Virtual ID) सुविधा शुरू की जायेगी जिसके तहत आधार के स्वामी को अपनी पहचान के सत्यापन (authentication) के लिए अपना आधार नम्बर देने के बजाय एक वर्चुअल आईडी संख्या देनी होगी। उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण ने यह घोषणा “द ट्रिब्यून” समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के कुछ दिन बाद की है जिसमें एक स्टिंग ऑपरेशन के द्वारा आधार की सुरक्षा में एक बड़ी चूक होने की दावा किया गया था।
जहाँ तक वर्चुअल आईडी की बात है तो यह एक अस्थाई तथा वापस ली जा सकने वाली 16-अंकीय संख्या होगी जो आधार नम्बर के साथ मैप हो सकेगी। इसलिए आधार पहचान सत्यापन के लिए आधार संख्या के बजाय इस वर्चुअल संख्या का प्रयोग किया जायेगा।
UIDAI वर्चुअल आईडी शुरू करने के लिए आवश्यक एपीआई – API (Application Programming Interface) 1 मार्च 2018 तक जारी करेगा तथा आधार से जुड़ी समस्त एजेंसियों को वर्चुअल आईडी, सम्बन्धित यूआईडी टोकन (UID Token) और सीमित केवाईसी (Limited KYC) सुविधा के लिए अपनी प्रणालियों में अपेक्षित बदलाव करने का निर्देश उसने जारी किया है ताकि यह नई व्यवस्था 1 जून 2018 से लागू की जा सके।
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