प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरिया के दौरे के दूसरे दिन सियोल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। मोदी ने पुरस्कार में मिली 1.30 करोड़ की रकम को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए देने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सियोल पुरस्कार समिति ने भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में उनके योगदान को मान्यता देते हुए और अमीर और गरीब के बीच सामाजिक और आर्थिक विषमता को कम करने के लिए उनकी विशिष्ट आर्थिक नीतियां‘मोदीनॉमिक्स’को श्रेय देते और भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि, विश्व शांति, मानव विकास में सुधार और भारत में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उनके योगदान को देखते हुए सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भारत और दक्षिण कोरिया ने 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना की स्मृति में एक संयुक्त डाक टिकट जारी करने के लिए भी भारत और दक्षिण कोरिया के बीच एक समझौता किया गया है।
मोदी ये पुरस्कार से नवाजे जाने वाले 14वें व्यक्ति हैं और पिछले बार ये संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान को दिया गया था। उससे पहले जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल जैसी हस्तियां और डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और ऑक्सफैम जैसे प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय राहत संगठन शामिल हैं।
यह पुरस्कार 1988 में सियोल ओलिंपिक के सफल आयोजन के बाद शुरू किया गया था। 24वें ओलंपिक खेलों की सफलता के उपलक्ष्य में साल 1990 में सियोल शांति पुरस्कार की स्थापना की गई थी। ये हर दो साल में दिया जाता है। इस पुरस्कार का नाम साउथ कोरिया की राजधानी 'सियोल' पर रखा गया है। दुनिया में अमन-चैन, एकजुटता, आपसी सहयोग और दोस्ती को बढ़ावा देने के लिए पु्रस्कार को दिया जाता है।
1988 जब साउथ कोरियो में 24वें समर ओलपिंक आयोजित हुआ था उसके देशभर में के 160 देशों ने भाग लिया था। जिसके बाद इस खेल के बहाने दुनिया भर से आए लोगों ने एक ही मंच साझा किया और एकजुटता और दोस्ती की भावना पैदा हुई। जिसके बाद शांति, अमन चैन, एकजुटता और दुनिया भर में दोस्ती के लिए साल 1990 में साउथ कोरिया ने 'सियोल शांति पुरस्कार' की शुरुआत की।
सियोल शांति पुरस्कार के लिए सिनेमा, खेल, राजनीति, विज्ञान, शिक्षा जैसे क्षेत्रों के प्रसिद्ध लोगों को चुना जाता है, जिन्होंने समाज, शांति और एकजुटता के लिए कुछ काम किया हो। वहीं जीतने वाले व्यक्ति को एक डिप्लोमा और प्रशस्ति पत्र और इनाम राशि (200,000 अमेरिकी डॉलर) दी जाती है। बता दें, पीएम मोदी ने पुरस्कार के साथ मिलने वाली तकरीबन 1,42,42,800 रुपये की धनराशि नमामि गंगे परियोजना को समर्पित किया है।
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