ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में COVID-19 के इलाज के लिए एक मौखिक दवा (oral drug) को मंजूरी दी है जिसे 2-DG कहा जाता है।
2-डीजी को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (Defence Research Development Organisation) द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए विकसित किया गया है। 2-DG का अर्थ 2-Deoxy – D – Glucose है। इसे डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (DRL) के सहयोग से विकसित किया गया है। इस दवा का पहला बैच अगले हफ्ते लांच किया जा सकता है।
यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों की तेजी से रिकवरी सुनिश्चित करती है और नैदानिक परीक्षणों के दौरान पूरक ऑक्सीजन निर्भरता (supplemental oxygen dependence) को कम करेगी।
यह संक्रमित कोशिकाओं में जमा हो जाती है और वायरल संश्लेषण को रोकती है।
दवा पाउच रूप में में आती है। पानी में घोलकर इसका सेवन मौखिक रूप से किया जाता है।
इसे इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) द्वारा विकसित किया गया था। INMAS DRDO के तहत संचालित होने वाली एक प्रयोगशाला है।
कोविड-19 के गंभीर रोगियों के लिए DGCI ने इस दवा के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी है।
2-डीजी एक जेनेरिक मॉलिक्यूल है और इस प्रकार आसानी से देश में प्रचुर मात्रा में निर्मित व उपलब्ध कराया जा सकता है।
DRDO ने अपने इंडस्ट्री पार्टनर DRL के साथ मिलकर पिछले साल अप्रैल में इस ड्रग के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू किए थे। दूसरे चरण के ट्रायल मई से अक्टूबर 2020 तक 110 रोगियों पर किए गए। बाद में तीसरे चरण के ट्रायल दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच हुए।
ट्यूमर के लिए 2-DG
कैंसर की कोशिकाओं में ग्लूकोज अधिक होता है। इस प्रकार, जब 2-डीजी को कैंसर रोगियों में इंजेक्ट किया जाता है, तो यह कैंसर कोशिकाओं के लिए एक अच्छे मार्कर के रूप में कार्य करती है।
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